UP Govt Rolls Out One-Time Tax: कामर्शियल वाहनों पर वन टाइम टैक्स: योगी सरकार का बड़ा फैसला
UP Govt One Time Tax : उत्तर प्रदेश सरकार ने कमर्शियल वाहन स्वामियों को राहत देते हुए 7.5 टन तक के वाहनों पर वन टाइम टैक्स की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इससे टैक्स प्रणाली सरल होगी, वाहन स्वामी बार-बार टैक्स भरने से बचेंगे, और सरकार को एकमुश्त राजस्व प्राप्त होगा।

UP Government Transport Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने कमर्शियल वाहन स्वामियों को एक बड़ी सौगात देते हुए निजी वाहनों की तर्ज पर 7.5 टन तक के व्यावसायिक वाहनों पर वन टाइम टैक्स की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है, और अधिसूचना जारी होते ही यह नई व्यवस्था पूरे प्रदेश में प्रभावी हो जाएगी। इस निर्णय से न केवल वाहन स्वामियों को बार-बार टैक्स जमा करने की झंझट से मुक्ति मिलेगी, बल्कि सरकार को भी एकमुश्त राजस्व प्राप्त होगा। इससे प्रदेश की इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की ओर अग्रसर करने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री की पहल पर टैक्स प्रणाली का सरलीकरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर परिवहन विभाग ने टैक्स की मौजूदा व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने का निर्णय लिया है। अब तक कमर्शियल वाहनों पर त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक टैक्स जमा करना होता था, जिससे वाहन स्वामियों को प्रशासनिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब 7.5 टन तक के माल वाहनों, मोटर कैब (सात सीटर), मैक्सी कैब (11 सीटर) और यात्री वाहनों पर वन टाइम टैक्स लगेगा। परिवहन विभाग के अनुसार नई व्यवस्था से छोटे निवेश वाले वाहन स्वामियों को विशेष रूप से राहत मिलेगी, क्योंकि बार-बार टैक्स न चुकाने से उत्पन्न समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। साथ ही, परिवहन विभाग के कार्यभार में भी कमी आएगी, और बकाया टैक्स के चलते जब्त होने वाले वाहनों की संख्या में गिरावट आएगी।
लखनऊ में पौने दो लाख वाहन होंगे लाभान्वित
राजधानी लखनऊ में ही करीब 1.75 लाख ऐसे वाहन हैं, जिन्हें वन टाइम टैक्स व्यवस्था से लाभ मिलेगा। आरटीओ लखनऊ के आंकड़ों के अनुसार, इस श्रेणी में आने वाले प्रमुख वाहनों की संख्या निम्नानुसार है:
- वाहन श्रेणी संख्या
- ई-रिक्शा (पैसेंजर) 62,258
- 7.5 टन तक के मालवाहन 29,314
- मोटर कैब 28,423
- मैक्सी कैब 27,825
- अन्य 7,705
इस नई व्यवस्था से विशेष रूप से कम आय वर्ग के वाहन स्वामियों को राहत मिलेगी, जो हर तीन या छह महीने में टैक्स भरने में कठिनाई महसूस करते थे।
ई-मोबिलिटी को भी मिली मजबूती: 70 हजार से अधिक ई-वाहन टैक्स छूट में शामिल
राज्य सरकार ने केवल पारंपरिक वाहनों को ही नहीं, बल्कि ई-वाहनों को भी भरपूर प्रोत्साहन दिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में, उत्तर प्रदेश में 70,770 ई-वाहनों को टैक्स और शुल्क में 255.50 करोड़ रुपये की छूट दी गई है।
परिवहन आयुक्त जेएस नारायण सिंह के अनुसार इस छूट में ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, ई-कार आदि शामिल हैं। अकेले जून माह में ही 23,513 ई-वाहनों को 94.70 करोड़ रुपये की रियायत दी गई। इस समय तक उत्तर प्रदेश में कुल 12.29 लाख ई-वाहनों का पंजीकरण हो चुका है, जो देशभर में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
परिवहन विभाग की तिमाही रिपोर्ट: राजस्व में 10.39% वृद्धि
परिवहन विभाग द्वारा पहली बार जारी की गई वित्तीय वर्ष 2025-26 की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से जून 2025 के बीच विभाग ने कुल 2913.78 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है। यह राशि पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 274.22 करोड़ अधिक है, यानी 10.39% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह उपलब्धि तब सामने आई है जब सरकार ने ई-वाहनों पर भारी टैक्स छूट दी है और कई श्रेणियों में रियायतें दी गई हैं। इसके बावजूद राजस्व में वृद्धि, विभाग की नीतिगत पारदर्शिता और डिजिटल अनुपालन को दर्शाता है।
वन टाइम टैक्स से जुड़ी प्रमुख बातें
- 7.5 टन तक के मालवाहन और यात्री वाहन होंगे इस योजना के अंतर्गत।
- अब वाहन स्वामी एक बार टैक्स भरकर दीर्घकालिक राहत पा सकेंगे।
- टैक्स बकाया न रहने से वाहनों की नीलामी और जब्ती से बचाव होगा।
- परिवहन विभाग के पास प्रवर्तन कार्य कम होगा।
- थानों में बकाया टैक्स वाले जब्त वाहनों की संख्या में कमी आएगी।
- सरकार को एकमुश्त राजस्व मिलेगा, जिससे विकास योजनाओं में तेजी आएगी।
व्यवस्था के प्रभाव और भविष्य की योजनाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, वन टाइम टैक्स व्यवस्था से न केवल प्रशासनिक कार्यभार घटेगा, बल्कि टैक्स चोरी की संभावनाएं भी कम होंगी। इससे सरकार को समय पर टैक्स प्राप्त होगा और वाहन स्वामियों को भी राहत मिलेगी। विभाग जल्द ही इस व्यवस्था को डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी जोड़ने जा रहा है, जिससे वाहन स्वामी ऑनलाइन ही टैक्स भुगतान कर सकें। इसके साथ ही सरकार की नजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन पर भी है। राज्य को ई-मोबिलिटी हब बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक बसों, कारों और दोपहिया वाहनों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है।
Original Source - Patrika Live News
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