एक सेकंड के लिए भी नजर नहीं हटा पाए शशि थरूर, अक्षय की फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ को लेकर कह दी ये बात

Congress MP Shashi Tharoor: अक्षय कुमार की फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ कांग्रेस सांसद शशि थरूर को खूब पसंद आई है। उन्होंने फिल्म देखने के बाद कहा- बहुत ही शानदार…

एक सेकंड के लिए भी नजर नहीं हटा पाए शशि थरूर, अक्षय की फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ को लेकर कह दी ये बात

Kesari Chapter 2: जलियांवाला बाग हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ को दर्शकों के साथ फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गजों से भी खूब सराहना मिल रही है। अक्षय कुमार, आर माधवन और अनन्या पांडे स्टारर इस फिल्म को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी देखा और फिल्म की तारीफों के पुल बांधे। उन्होंने कहा कि सी शंकरन नायर असल में ऐसे शब्दों का कभी इस्तेमाल नहीं करते थे।

शशि थरूर: फिल्म का एक भी सीन नीरस नहीं

Kesari Chapter 2 Movie
Kesari Chapter 2 Movie

कांग्रेस सांसद ने कहा, “मुझे लगा कि यह बेहतरीन ढंग से बनाई गई फिल्म है। फिल्म (Kesari Chapter 2) को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कुछ छूट है, लेकिन यह शुरुआत में ही कहा गया कि यह काल्पनिक है। लेकिन इसने प्रतिरोध की भावना को ब्रिटिश कोर्ट सिस्टम के साथ थामे रखा। फिल्म का संदेश शानदार ढंग से दिया गया। मैं कहना चाहूंगा कि हाई क्वालिटी वाले निर्माण में अभिनय, निर्देशन, कहानी को जिस तरह से पेश किया गया, वह शानदार है। फिल्म का एक भी सीन नीरस नहीं है।”

कांग्रेस सांसद ने फिल्म में एक बात नोटिस की और कहा, “मुझे चिंता थी कि कई लोगों के लिए कोर्ट रूम के सीन्स देखना नीरस होगा लेकिन जिस तरह से कहानी सामने आई, मुझे लगता है कि एक सेकंड के लिए भी अपनी नजर हटाना मुश्किल था। बहुत ही शानदार, मैं लंबे समय से शंकरन नायर सर का प्रशंसक हूं। आठ साल पहले मैंने एक भाषण के दौरान उनके जीवन और उपलब्धियों पर बात की थी। कुछ लोग उन्हें बहुत रोमांटिक बताते हैं, लेकिन वह एक साहसी, सिद्धांतवादी और ईमानदार व्यक्ति थे। वह कभी भी अक्षय कुमार द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते, खासकर चार अक्षरों का शब्द, ऐसे में कभी नहीं निकलता।”

अंग्रेजों ने कभी नहीं मांगी माफी

उन्होंने आगे कहा, “मैं आपको यह निश्चित रूप से बता दूं कि एक स्पष्ट मैसेज को शानदार तरीके से दिया गया है। मैं कहूंगा कि हम सबको इतिहास के कुछ अत्याचार को याद करने के लिए ऐसी फिल्मों की आवश्यकता है। जलियांवाला बाग ब्रिटिश राज के सबसे बुरे कर्मों में से एक के प्रतीक रूप में है। मुझे गर्व है कि मैंने ब्रिटिश एंपायर पर लिखी अपनी किताब ‘अन एरा ऑफ डार्कनेस: द ब्रिटिश एम्पायर इन इंडिया के बाद जब यूके में बुक टूर किया, तो मैंने माफी मांगने की बात पर जोर दिया था। नरसंहार के लिए माफी की जरूरत है और मुझे खुशी है कि फिल्म के अंत में उन्होंने यह बात कही कि एक चीज जो अंग्रेजों ने कभी नहीं की, वह है माफी।”

Original Source - Patrika Live News

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