UP Teacher Transfer: शिक्षकों के स्थानांतरण की सूची आज होगी जारी, बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरी की प्रक्रिया

UP Teacher: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग सोमवार को शिक्षकों की अंतर्जनपदीय स्थानांतरण सूची जारी करने जा रहा है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर से यह सूची तैयार की जाएगी। सभी जिलों में डाटा सत्यापन व लॉकिंग की प्रक्रिया 29 जून को पूरी कर ली गई है।

UP Teacher Transfer: शिक्षकों के स्थानांतरण की सूची आज होगी जारी, बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरी की प्रक्रिया

UP Teacher Transfer, Posting: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। लंबे समय से प्रतीक्षित अंतर्जनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। सोमवार 30 जून को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षकों की स्थानांतरण सूची जारी कर दी जाएगी। यह सूची उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के लिए मान्य होगी और इसे बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।

बेसिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया आदेश

बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज कार्यालय के प्रमुख अधिकारी प्रताप सिंह बघेल ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को आवश्यक निर्देश पहले ही जारी कर दिए थे। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार सभी जिलों में ऑनलाइन सत्यापन एवं डाटा लॉकिंग की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। यह प्रक्रिया 29 जून तक पूरी कर ली गई थी।

स्थानांतरण सूची बनेगी NIC के सॉफ्टवेयर से

30 जून को शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की सूची NIC द्वारा विकसित स्वचालित सॉफ्टवेयर की सहायता से तैयार की जाएगी। इस सॉफ्टवेयर में शिक्षकों की पात्रता, आवेदन की स्थिति, रिक्त पदों की उपलब्धता और पूर्व प्राथमिकता के आधार पर चयन किया गया है। इससे स्थानांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकेगी।

स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से ऑनलाइन माध्यम से अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन मंगाए थे। हजारों की संख्या में शिक्षक इस प्रक्रिया में सम्मिलित हुए। उनके आवेदन की जांच, सत्यापन और अनुमोदन की प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से पूरी की गई। अंतिम सत्यापन के बाद डाटा लॉकिंग का कार्य 29 जून को संपन्न हुआ।

स्थानांतरण नीति के अनुसार प्रक्रिया

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा पूर्व में तय स्थानांतरण नीति के अनुसार ही इस बार भी प्रक्रिया को लागू किया गया है। इस नीति में प्राथमिकता क्रम तय किया गया है, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं, दिव्यांग शिक्षकों, गंभीर रोगों से ग्रसित शिक्षकों, सैनिक विधवाओं और वृद्ध शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा एक ही विद्यालय में कई वर्षों से तैनात शिक्षकों, जिनकी सेवा अवधि लंबी हो चुकी है, को भी अन्य जिलों में समायोजित किया जाएगा।

जिलावार रिक्त पदों का विवरण पहले से अपलोड

स्थानांतरण सूची तैयार करने से पहले सभी जिलों से रिक्त पदों की स्थिति मंगाई गई थी। बीएसए द्वारा यह जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की गई थी ताकि पारदर्शिता बनी रहे और शिक्षकों को यह पता रहे कि किस जिले में कितनी रिक्तियां उपलब्ध हैं। उसी आधार पर आवेदनकर्ताओं ने अपनी प्राथमिकताएं दर्ज की थीं।

स्थानांतरण सूची की प्रमुख विशेषताएं

  • स्वचालित सॉफ़्टवेयर द्वारा चयन: मैनुअल हस्तक्षेप नहीं।
  • प्राथमिकता आधारित चयन: नीति के अनुरूप तय की गई प्राथमिकताएं।
  • अंतिम निर्णय अपील योग्य नहीं: एक बार जारी सूची के बाद कोई पुनर्विचार नहीं होगा।
  • ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध: स्थानांतरण सूची वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी।
  • स्थान ग्रहण करने की तिथि निर्धारित: स्थानांतरण सूची के बाद शिक्षकों को नियत समय में नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण करना होगा।

स्थानांतरण की समय-सारिणी:

चरण विवरण तिथि
ऑनलाइन आवेदन शिक्षकों द्वारा आवेदन पूर्व में पूरा
आवेदन सत्यापन बीएसए द्वारा जांच 27-29 जून
डाटा लॉकिंग अंतिम सत्यापन 29 जून
सूची जारी एनआईसी सॉफ्टवेयर से 30 जून

शिक्षकों में उत्साह, कुछ में चिंता भी

जहां एक ओर कई शिक्षक स्थानांतरण की सूची को लेकर उत्साहित हैं, वहीं कुछ शिक्षकों में चिंता और असमंजस की स्थिति भी है, खासकर वे शिक्षक जो किन्हीं कारणों से वांछित जिले की प्राथमिकता में पीछे रह सकते हैं। हालांकि विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्थिति स्पष्ट और नियमबद्ध है तथा किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा।

शिक्षा विभाग की अपील

बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों से अपील की है कि वे सूची जारी होने के बाद उसे ध्यानपूर्वक देखें और कोई तकनीकी त्रुटि पाए जाने पर निर्धारित समय सीमा में संबंधित बीएसए कार्यालय से संपर्क करें। लेकिन यह भी स्पष्ट किया गया है कि केवल तकनीकी या सॉफ्टवेयर-जनित त्रुटियों पर ही विचार किया जाएगा, न कि व्यक्तिगत आग्रहों पर।

शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ेगा असर

विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थानांतरण प्रक्रिया से शिक्षा व्यवस्था में संतुलन आएगा। जिन जिलों में शिक्षक कम हैं, वहां संसाधनों की भरपाई होगी और जहां अतिरिक्त शिक्षक तैनात थे, वहां स्थिति संतुलित की जाएगी। इससे विद्यालयों की गुणवत्ता, बच्चों की पढ़ाई और प्रशासनिक दक्षता पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है।

Original Source - Patrika Live News

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