UP Power Corporation: ऊर्जा निगमों में बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य, प्रोन्नति व खाली पद जल्द भरने के निर्देश
Biometric Attendance Mandatory in UP Power Corporations: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने ऊर्जा निगमों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है, साथ ही समय पर प्रोन्नति, रिक्त पदों को भरने और उपभोक्ताओं की शिकायतों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं।

UP Power Corporation Biometric Attendance: उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने शक्ति भवन, लखनऊ में वितरण निगमों के कार्यों की व्यापक समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में कार्य संस्कृति, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए कई अहम निर्देश जारी किए। बैठक की सबसे अहम घोषणा थी, बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य बनाना, अन्यथा वेतन रोका जाएगा।
बायोमेट्रिक हाजिरी न दर्ज करने पर वेतन रोकेगा निगम
बैठक में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली की समीक्षा करते हुए डॉ. गोयल ने दो टूक कहा कि अब कोई भी कर्मचारी या अधिकारी अगर बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करता है तो उसे वेतन नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय कार्यस्थलों पर अनुशासन और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। साथ ही, सभी आउटसोर्सिंग एजेंसियों को भी आदेश दिया गया है कि उनके संविदा कर्मचारी बायोमेट्रिक ऐप पर शत-प्रतिशत पंजीकृत हों, अन्यथा एजेंसियों को कमीशन भुगतान रोक दिया जाएगा।
प्रोन्नति से जुड़े मामलों में देरी न करें
डॉ. गोयल ने बैठक में जोर दिया कि योग्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समय से प्रोन्नति मिले, इसके लिए प्रोन्नति से संबंधित रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए। उन्होंने कहा कि देरी से कर्मचारी मानसिक रूप से उत्पीड़न महसूस करते हैं और कार्यक्षमता प्रभावित होती है। विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वार्षिक गोपनीय आख्या (ACR) समय से पूरी कर भेजी जाए और जिनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित है, उसे जल्द निपटाया जाए।
सीनियर अधिशासी अभियंताओं को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश
जहाँ-जहाँ अधीक्षण अभियंताओं (Superintending Engineers) के पद रिक्त हैं, वहां योग्य और वरिष्ठ अधिशासी अभियंताओं (Executive Engineers) को तात्कालिक रूप से कार्यभार सौंपने के निर्देश दिए गए। यह ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता और संचालन में सुधार हेतु एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बिल रिवीजन फार्मेट में पारदर्शिता अनिवार्य
बिल रिवीजन संबंधी शिकायतों के समाधान हेतु एक निश्चित प्रोफार्मा राज्य स्तर से सभी वितरण निगमों को भेजा गया है। अब सभी बिल संशोधन इसी निर्धारित प्रारूप पर किए जाएंगे ताकि किसी प्रकार की अनियमितता या हेराफेरी की संभावना समाप्त हो सके। साथ ही, शिकायतों के निस्तारण हेतु 1912 कॉल सेंटर का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करने को कहा गया है।
संविदा कर्मियों को समय से वेतन नहीं तो जवाबदेही तय
बैठक के दौरान संविदा कर्मचारियों को प्रथम तिथि को वेतन भुगतान की अनिवार्यता पर बल दिया गया। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के चार डिवीजनों में संविदा कर्मचारियों को समय से वेतन न मिलने पर अध्यक्ष ने नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि जहां संविदा कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है, वहां संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाए।
नियमित भुगतान करने वालों की बिजली न काटें
अध्यक्ष ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नियमित भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली काटने से पहले उनसे संपर्क किया जाए और यथासंभव कटौती से बचा जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि रेग्युलर पेमेंट वाले उपभोक्ताओं के उत्पीड़न की शिकायत आने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी स्कूलों के ऊपर से हटेगी बिजली लाइन
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली बिजली लाइनों को हटाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के लिए शासन द्वारा आवश्यक धनराशि स्वीकृत कर दी गई है, और अब उसे शीघ्र प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा।
बिल रिवीजन कैंप व ट्रांसफार्मर डैमेज की समीक्षा
प्रदेश भर में बिल रिवीजन कैंप आयोजित किए जाएंगे, जो डिवीजन स्तर पर इसी माह लगाए जाएंगे। इन कैंपों में उपभोक्ता 1912 पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे और उनका तत्काल समाधान होगा। डॉ. गोयल ने कहा कि ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं में कमी लाई जाए। इसके पीछे के वास्तविक कारणों की रिपोर्ट स्पष्ट होनी चाहिए, केवल खानापूर्ति नहीं चलेगी। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
खराब परफॉर्मेंस वाले लाइनमैन की होगी बर्खास्तगी
जहां फीडर-वाइज परफॉर्मेंस, राजस्व संग्रहण और उपभोक्ता संतोषजनक नहीं है, वहां डॉ. गोयल ने सख्त निर्देश दिए कि जिम्मेदार लाइनमैन या संबंधित स्टाफ को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।
ऊर्जा सुधारों पर भारी खर्च, परिणाम अपेक्षित
बैठक के अंत में डॉ. गोयल ने कहा कि विद्युत व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में बजट व्यय किया जा चुका है। इसके बावजूद अगर व्यवस्था में सुधार दिखाई नहीं देता तो यह गंभीर चिंता का विषय है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि हर स्तर पर आत्म मूल्यांकन करें और सुधार सुनिश्चित करें।
गर्मी और बरसात में बिजली आपूर्ति बनी रहे
चूंकि प्रदेश में गर्मी और बरसात दोनों ही चरम पर हैं, ऐसे में उन्होंने आदेश दिया कि विद्युत आपूर्ति सामान्य बनी रहे, अनावश्यक शटडाउन न लिया जाए और किसी भी तार टूटने, ट्रांसफार्मर फुंकने या ट्रिपिंग जैसी समस्या का समाधान अतिशीघ्र किया जाए।
Original Source - Patrika Live News
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