Lucknow Traffic: नवाबों के शहर लखनऊ का नखास इलाका जाम के मकड़जाल में उलझा

Lucknow Old City Traffic: लखनऊ के नखास चौराहे से चौक तक रोजाना बैटरी रिक्शों के बेतरतीब संचालन के चलते जाम आम समस्या बन गई है। सड़कों पर रिक्शों का मकड़जाल फैल चुका है, जिससे पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। प्रशासन की सुस्ती से हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं।

Lucknow Traffic: नवाबों के शहर लखनऊ का नखास इलाका जाम के मकड़जाल में उलझा

 Lucknow Nakhas Chowk Traffic:  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जिसे नवाबों का शहर कहा जाता है, जहां की पहचान उसकी तहज़ीब, इतिहास और खूबसूरती के लिए होती है, वहीं शहर के पुराने बाजारों में आज बदइंतजामी के नजारे आम होते जा रहे हैं। इनमें सबसे बड़ी मिसाल बनकर सामने आ रहा है नखास चौराहा और उससे सटे क्षेत्र। नखास से चौक तक का इलाका, जो कभी व्यापार और संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता था, आज भीषण जाम और बेतरतीब यातायात का प्रतीक बन चुका है। विशेष रूप से बैटरी चालित रिक्शों की अनियंत्रित संख्या ने इस इलाके में मकड़जाल जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है।

नजारा जो हर दिन दोहराता है

शनिवार को खींची गई एक फोटो में इस समस्या की गंभीरता को साफ देखा जा सकता है। नखास चौराहे से चौक की ओर जाने वाली सड़क पर एक नहीं, दो नहीं बल्कि दर्जनों बैटरी रिक्शे एक-दूसरे से सटकर चल रहे हैं। सड़क के दोनों किनारों पर रिक्शों की कतार इस तरह लगी होती है कि पैदल चलने वालों के लिए भी मुश्किल हो जाती है। नतीजा यह कि आम नागरिकों को जाम में फंसकर घंटों बर्बाद करना पड़ता है।

जाम का आलम
इस इलाके में सुबह से ही बाजार सज जाता है। नखास, चौक, रकाबगंज, नक्खास बाजार, अकबरी गेट, गोल दरवाजा से लेकर चौक घंटाघर तक व्यापारियों, खरीदारों और पर्यटकों की भारी आवाजाही होती है। लेकिन बैटरी रिक्शों के बेलगाम संचालन ने यातायात व्यवस्था को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। अक्सर देखा जाता है कि एक छोटी-सी सड़क पर दर्जनों रिक्शा आपस में फंसे होते हैं। इनमें से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं होता और स्थिति घंटों तक जाम जैसी बनी रहती है।

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पैदल यात्रियों की बड़ी परेशानी

पैदल यात्रियों के लिए तो यह इलाका किसी परीक्षा से कम नहीं है। सड़कों के किनारे पार्क किए गए रिक्शों और बीच सड़क पर खड़े रिक्शों के कारण चलने लायक जगह ही नहीं बचती। एक स्थानीय निवासी फहीम अहमद ने बताया, “हम लोग यहां रोज बाजार आते हैं, लेकिन हर बार यही हाल होता है। नखास चौराहे से चौक तक जाने में आधा घंटा लग जाता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह बहुत खतरनाक हो गया है।”

क्यों बढ़ी समस्या

विशेषज्ञों के अनुसार समस्या के पीछे कई कारण हैं:

  • 1.अनियंत्रित संख्या में बैटरी रिक्शे: नखास और चौक के इलाके में बिना किसी प्लानिंग के हजारों बैटरी रिक्शे चल रहे हैं। इनमें से अधिकांश के पास कोई वैध परमिट या रूट निर्धारित नहीं है।
  • 2.प्रशासनिक उदासीनता: बार-बार शिकायतों के बावजूद ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई न के बराबर है। कभी-कभार अभियान चलाया जाता है, लेकिन उसका कोई स्थायी असर नहीं होता।
  • 3.व्यापारिक गतिविधियां: बाजार के आसपास दुकानदार अपने माल की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए रिक्शों को घंटों सड़क पर खड़ा रखते हैं, जिससे सड़क और सिकुड़ जाती है।
  • 4.अतिक्रमण: सड़क किनारे फुटपाथों पर अतिक्रमण के कारण पैदल चलने वालों के लिए कोई समुचित रास्ता नहीं बचता।
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ट्रैफिक पुलिस की भूमिका

हालांकि ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी इस बात को मानते हैं कि नखास से चौक तक का इलाका बेहद संवेदनशील है। डीसीपी ट्रैफिक राहुल राज का कहना है, “यह इलाका ऐतिहासिक और व्यापारिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहां ट्रैफिक को सुचारु रखने के लिए विशेष योजना तैयार की जा रही है। रिक्शों की संख्या पर नियंत्रण, उचित रूट निर्धारण और फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया जाएगा।”

व्यापारियों का पक्ष

स्थानीय व्यापारियों का भी कहना है कि इस समस्या से उनका धंधा भी प्रभावित हो रहा है। व्यापारी संघ के अध्यक्ष रईस खान ने बताया, “ग्राहक जाम के कारण इस ओर आने से कतराने लगे हैं। बैटरी रिक्शों की व्यवस्था सुधारनी होगी, नहीं तो बाजार का नुकसान होना तय है।”

नागरिकों की आवाज

स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना रज़ा का कहना है, “नवाबों का शहर कहे जाने वाले लखनऊ के इस ऐतिहासिक इलाके की यह हालत बहुत शर्मनाक है। प्रशासन को चाहिए कि वह ठोस और दीर्घकालिक योजना के तहत इस इलाके को जाममुक्त बनाए।”

क्या है समाधान

समस्या के समाधान के लिए कई सुझाव सामने आए हैं:

  • 1.बैटरी रिक्शों के लिए रूट निर्धारण: प्रशासन को चाहिए कि बैटरी रिक्शों के संचालन के लिए स्पष्ट रूट तय करे।
  • 2.ई-पास प्रणाली: परमिटधारी रिक्शों के लिए ई-पास लागू किया जाए, ताकि बेतरतीब संख्या पर अंकुश लग सके।
  • 3.अतिक्रमण हटाओ अभियान: फुटपाथों से अवैध कब्जे हटाकर पैदल यात्रियों के लिए रास्ता सुनिश्चित किया जाए।
  • 4.समय निर्धारण: माल ढुलाई के लिए अलग समय निर्धारित किया जाए, ताकि व्यस्त समय में ट्रैफिक बाधित न हो।
  • 5.सख्त निगरानी: ट्रैफिक पुलिस को इस क्षेत्र में लगातार निगरानी करनी चाहिए और नियमों के उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
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नखास से चौक  व्यावसायिक और पर्यटन के लिए खास 

लखनऊ के नखास से चौक तक का यह इलाका न केवल व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि ऐतिहासिक और पर्यटन के लिहाज से भी खास महत्व रखता है। लेकिन यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह सुंदर इलाका भीषण ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था का पर्याय बनकर रह जाएगा। अभी भी समय है कि प्रशासन, व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए ताकि नवाबों के शहर की गरिमा बनी रहे और आम नागरिकों को राहत मिले।

Original Source - Patrika Live News

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