UP School Celebration: 1.48 करोड़ बच्चों ने दी तिरंगे को सलामी, यूपी के 1.32 लाख स्कूलों में आजादी का उत्सव
UP Independence Day: उत्तर प्रदेश के 1.32 लाख से अधिक परिषदीय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 1.48 करोड़ बच्चों ने स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे को सलामी दी। विद्यालयों में राष्ट्रगान, वंदेमातरम् और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गूंज रही। बेटियों ने गीत, नृत्य और रैली से राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया और अभिभावकों की सहभागिता ने इसे महापर्व बना दिया।

UP school celebration 1.48 crore student: उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों, उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कम्पोजिट विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस का पर्व उत्साह और उल्लास के बीच मनाया गया। पूरे प्रदेश के 1.32 लाख से अधिक विद्यालयों में लगभग 1.48 करोड़ बच्चों ने तिरंगे को सलामी दी और राष्ट्रगान की गूंज से विद्यालय प्रांगण देशभक्ति की भावना से भर उठे।
तिरंगे की छांव में खिले मासूम चेहरे
इस अवसर पर छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में लहराते तिरंगे और उनकी आँखों में भारत के उज्ज्वल भविष्य के सपने साफ दिखाई दे रहे थे। जहां आम दिनों में विद्यालयों में पढ़ाई की गूंज रहती है, वहीं इस दिन पूरा वातावरण “राष्ट्रगान” और “वंदेमातरम्” की मधुर धुनों से सराबोर हो गया। शिक्षक बच्चों के मन में राष्ट्रप्रेम के बीज रोपते हुए उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के अद्वितीय बलिदान की कहानियाँ सुनाते नजर आए।
राष्ट्र भाव से सराबोर कार्यक्रम
प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में स्वतंत्रता दिवस समारोह का उल्लास चरम पर रहा। विद्यालयों को आकर्षक सजावट, रंग-बिरंगे झंडों और देशभक्ति पोस्टरों से सजाया गया। बच्चों ने तिरंगा रैली निकाली, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक महत्व को जीवंत किया।
केजीबीवी की बेटियों ने बढ़ाया मान
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की छात्राओं ने स्वतंत्रता दिवस को खास अंदाज में मनाया। उन्होंने देशभक्ति गीत, कविताएं, नृत्य, नाटक और तिरंगा रैली के माध्यम से अपने देशप्रेम का संदेश दिया। प्रस्तुत कार्यक्रमों से साफ संदेश गया कि बेटियां अब न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि राष्ट्र निर्माण की अग्रिम पंक्ति में भी मजबूती से खड़ी हैं।
अभिभावक और ग्रामीण भी बने सहभागी
कई विद्यालयों में अभिभावक और ग्रामीण भी स्वतंत्रता दिवस समारोह का हिस्सा बने। उनकी उपस्थिति और उत्साह ने इस आयोजन को सामाजिक एकता के महापर्व में बदल दिया। बच्चों ने स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष की झलकियां मंच पर प्रस्तुत कीं, जिससे दर्शकों की आँखें गर्व और भावुकता से भर उठीं।
बेसिक शिक्षा निदेशालय और राज्य स्तरीय समारोह
बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ में निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने मुख्य भवन के सामने राष्ट्र ध्वज फहराया और अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और महानिदेशक स्कूल कंचन वर्मा के संदेशों का वाचन किया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) में निदेशक गणेश कुमार ने ध्वजारोहण करते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अमर बलिदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि यह दिन केवल उत्सव का नहीं बल्कि जिम्मेदारियों को समझने का दिन है।
तकनीकी शिक्षा और नवाचार का संकल्प
राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान (SIET) में स्वतंत्रता दिवस समारोह विशेष रूप से नवाचार और तकनीकी शिक्षा के संकल्प के साथ मनाया गया। अधिकारियों और शिक्षाविदों ने यह प्रण लिया कि तकनीकी साधनों के प्रयोग से शिक्षण को और अधिक प्रभावी, रोचक और बच्चों के अनुकूल बनाया जाएगा।
प्रदेशभर में गूंजा वंदे मातरम
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश के हर जिले के विद्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और राष्ट्रगान के बाद बच्चों की स्वर लहरियों में वंदे मातरम गूंज उठा। बच्चों के उत्साह और ऊर्जा ने साबित कर दिया कि आज की पीढ़ी राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत है और भविष्य में देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है।
देशभक्ति का सामाजिक संदेश
सांस्कृतिक कार्यक्रमों और तिरंगा रैलियों ने न केवल बच्चों में राष्ट्रभाव जगाया बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में देश के प्रति प्रेम और एकजुटता का संदेश भी दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वतंत्रता दिवस का उल्लास कम नहीं था, कई स्थानों पर स्थानीय लोग विद्यालयों में जाकर बच्चों के साथ झंडारोहण में शामिल हुए और देशभक्ति गीत गाए।
भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों और अधिकारियों ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव मनाने का दिन नहीं बल्कि यह बच्चों के मन में यह भाव जगाने का अवसर है कि स्वतंत्रता की रक्षा और राष्ट्र के विकास में हर नागरिक की भूमिका है। बच्चों के भीतर देश के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी का बीज बोना ही इस उत्सव का असली उद्देश्य है।
Original Source - Patrika Live News
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