Monsoon Rain Alert UP: कभी थमे, कभी बरसे- उत्तर प्रदेश में मानसून का मूड बना अनदेखा सिरदर्द

Monsoon Climate News: उत्तर प्रदेश में मानसून का रुख इस बार बेहद अनिश्चित और अस्थिर है। कभी तेज बारिश, तो कभी लंबे ठहराव से आम जनता, किसान और प्रशासन सभी उलझन में हैं। मौसम विभाग ने अगले दिनों के लिए भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है, जिससे बाढ़ और जलभराव की आशंका बढ़ गई है।

Monsoon Rain Alert UP: कभी थमे, कभी बरसे- उत्तर प्रदेश में मानसून का मूड बना अनदेखा सिरदर्द

Monsoon Mayhem in Uttar Pradesh:  उत्तर प्रदेश में इस साल का मानसून एकदम अप्रत्याशित और अस्थिर साबित हो रहा है। मौसम का यह उतार-चढ़ाव कभी राहत देता है तो कभी सिरदर्द बन जाता है। प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बारिश का पैटर्न इतना असमान है कि किसानों, प्रशासन और आम नागरिकों के लिए योजना बनाना मुश्किल हो गया है। कहीं बादल सिर्फ डरा कर चले जाते हैं, तो कहीं घंटों तक मूसलाधार बारिश जनजीवन को ठप कर देती है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी यह सिलसिला जारी रहने वाला है। कभी तेज बारिश, कभी हल्की फुहार और बीच-बीच में अस्थायी ठहराव, यही इस मानसून की पहचान बन गई है।

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मौसम के खेल में मानसून द्रोणी की भूमिका

फिलहाल मानसून द्रोणी (ट्रफ लाइन) अपनी सामान्य स्थिति से हटकर उत्तर की ओर खिसक गई है। आमतौर पर यह द्रोणी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल की ओर गुजरती है। लेकिन इस बार यह उत्तर की ओर झुकते हुए प्रदेश के तराई क्षेत्रों से होकर गुजर रही है। इससे गंगा के मैदानी जिलों में बारिश की तीव्रता कम हो गई है, जबकि तराई क्षेत्र लगातार भीग रहे हैं। राजधानी लखनऊ और आसपास के जिलों में 7 अगस्त को बादल छाए रहे, लेकिन बरसात बहुत सीमित रही। वहीं, तराई के बहराइच, श्रावस्ती और लखीमपुर खीरी में रुक-रुक कर मध्यम से तेज बारिश जारी रही।

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मौसम को सक्रिय करने वाली दोहरी प्रणाली

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय गांगेय पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा पर मध्य क्षोभमंडल (mid-troposphere) में एक चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) सक्रिय है। यह प्रणाली पूर्वी दिशा से नमी लेकर उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ रही है। इसके साथ ही उत्तरी पंजाब पर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो पश्चिमी हवाओं को प्रदेश की ओर खींच रहा है। इन दोनों प्रणालियों के साथ अरब सागर से आने वाली नमी मिलकर प्रदेश में मौसम को एक बार फिर सक्रिय करने की स्थिति बना रही है।

8 अगस्त: भारी वर्षा का अलर्ट

मौसम विभाग ने 8 अगस्त को भारी बारिश का पीला (Yellow) और कुछ जिलों के लिए नारंगी (Orange) अलर्ट जारी किया है। तराई क्षेत्र, पूर्वी उत्तर प्रदेश और कुछ पश्चिमी जिलों में तेज से बहुत तेज बारिश की संभावना है।

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संभावित प्रभावित जिले:

  • बहराइच
  • श्रावस्ती
  • गोंडा
  • बलरामपुर
  • लखीमपुर खीरी
  • सिद्धार्थनगर
  • महाराजगंज
  • पूर्वी इलाहाबाद (प्रयागराज) के कुछ हिस्से

इन इलाकों में निचले स्थानों पर जलभराव, छोटे पुल-पुलियों पर पानी का बहाव और कच्चे मकानों को नुकसान का खतरा है। साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की आशंका भी बनी हुई है।

9-10 अगस्त: बारिश में अस्थायी कमी

9 और 10 अगस्त को बारिश की तीव्रता में कुछ कमी देखी जा सकती है। इस दौरान अधिकतर जगहों पर बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश होगी। लेकिन यह राहत अस्थायी होगी और उमस लोगों को परेशान करती रहेगी।

11 अगस्त से फिर सक्रिय होगा मानसून

मौसम विभाग का अनुमान है कि 11 अगस्त से मानसून एक बार फिर जोर पकड़ लेगा। खासकर तराई और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है।
प्रभावित जिले:

  • गोंडा
  • बहराइच
  • श्रावस्ती
  • बलरामपुर
  • लखीमपुर खीरी
  • सिद्धार्थनगर
  • गोरखपुर
  • देवरिया
  • यहां नदियों के जलस्तर में तेज वृद्धि हो सकती है और बाढ़ के हालात बन सकते हैं।
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लखनऊ में भी बदलेगा मौसम का मिजाज

राजधानी लखनऊ में 8 अगस्त को दिनभर बादल छाए रहेंगे और मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। इससे अधिकतम तापमान 2-3 डिग्री घट सकता है और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। हालांकि, भारी बारिश की स्थिति में ट्रैफिक जाम और जलभराव से शहरवासियों को जूझना पड़ सकता है।

कृषि पर दोहरा असर

  • इस अनिश्चित मानसून का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ रहा है।
  • लाभ: धान, मक्का, अरहर जैसी खरीफ फसलों को समय पर पानी मिल रहा है, जिससे उनकी बढ़वार अच्छी हो रही है।
  • हानि: अत्यधिक बारिश से खेतों में जलभराव हो रहा है, जिससे बीज सड़ सकते हैं और पौधे खराब हो सकते हैं।
  • राज्य कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम पूर्वानुमान पर नजर रखें, खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें और खाद-बीज को सुरक्षित स्थान पर रखें।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ संभावित जिलों में पहले से ही नाव, राहत सामग्री, मोबाइल स्वास्थ्य टीम और प्राथमिक चिकित्सा किट की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। निचले इलाकों में रहने वालों को अस्थायी शेल्टर होम में स्थानांतरित करने की योजना भी तैयार है।

जनता के लिए सावधानियां

  • मौसम विभाग और प्रशासन की संयुक्त अपील
  • आकाशीय बिजली से बचने के लिए बारिश के समय खुले मैदान या ऊंचे पेड़ों के नीचे न खड़े हों।
  • बाढ़ संभावित इलाकों के लोग सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
  • बच्चों और बुजुर्गों को तेज बारिश के समय बाहर न निकलने दें।
  • मोबाइल में IMD या मौसम विभाग के अलर्ट नोटिफिकेशन सक्रिय रखें।

विशेषज्ञों की राय

लखनऊ विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक प्रो. अरविंद मिश्रा कहते हैं,”यह मानसून एक ‘पल्स पैटर्न’ में चल रहा है, जिसमें कुछ दिन ठहराव, फिर अचानक तेज सक्रियता देखी जाती है। किसानों और प्रशासन को इस बदलाव के मुताबिक तैयारी करनी चाहिए।”

Original Source - Patrika Live News

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