Illegal Parking: अब नहीं चलेगा अवैध पार्किंग का खेल: बिना लाइसेंस चलाने पर लगेगा ₹5000 जुर्माना, लाइसेंस भी होगा रद्द
Parking New Rules 2025: उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से पार्किंग ठेका चलाने वालों पर अब सख्ती की जाएगी। बिना लाइसेंस पार्किंग संचालन पर न्यूनतम ₹5000 जुर्माना लगेगा। नगर विकास विभाग की नई नियमावली के तहत जुर्माने के साथ-साथ लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है और एफआईआर दर्ज होने की भी संभावना है।

Illegal Parking Fine: उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित हो रहे पार्किंग ठेकों पर नकेल कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब बिना लाइसेंस या अनुमति के पार्किंग संचालन करने वालों को न्यूनतम ₹5000 का जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, आवश्यक होने पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। यह व्यवस्था हाल ही में जारी की गई नई पार्किंग नियमावली के अंतर्गत की गई है, जिसे नगर निगम बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के सभी नगर निकायों में लागू किया जाएगा।
नई नियमावली में क्या है खास
नगर विकास विभाग द्वारा तैयार की गई इस नियमावली का उद्देश्य शहरी पार्किंग व्यवस्था को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि:
- सभी पार्किंग स्थल अधिकृत लाइसेंसधारी व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा ही संचालित हों।
- हर घंटे के हिसाब से पार्किंग शुल्क निर्धारित किया गया है ताकि आम जनता को उचित और पारदर्शी शुल्क देना पड़े।
- जो लोग कम समय के लिए वाहन खड़ा करते हैं, उन्हें कम शुल्क देना होगा, जबकि पहले फिक्स रेट लिया जाता था।
- नियमों के उल्लंघन पर न केवल जुर्माना, बल्कि लाइसेंस रद्द करने का भी प्रावधान है।

अवैध पार्किंग पर कार्रवाई कैसे होगी
- अवैध पार्किंग संचालन पर सख्ती के लिए नगर आयुक्त को विशेष अधिकार दिए गए हैं। उनके नेतृत्व में गठित विशेष समिति का कार्य होगा:
- शहर में सभी पार्किंग स्थलों का निरीक्षण और सर्वेक्षण कराना।
- स्थानीय लोगों से फीडबैक लेना कि कहां और कैसे अवैध पार्किंग हो रही है।
- यह जांच करना कि अवैध पार्किंग कितने समय से चल रही है और उससे कितना राजस्व अर्जित किया गया।
- इसके आधार पर अनुपातिक जुर्माना वसूला जाएगा।
- ज़रूरत पड़ने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
लाइसेंसधारी पार्किंग वालों के लिए चेतावनी
केवल अवैध पार्किंग संचालक ही नहीं, बल्कि लाइसेंस प्राप्त पार्किंग ठेकेदार भी अब नियमों की अनदेखी नहीं कर पाएंगे। यदि कोई लाइसेंस धारी व्यक्ति:
- पार्किंग स्थल पर निर्धारित नियमों का पालन नहीं करता,
- अधिक शुल्क वसूलता है या
- पार्किंग स्थल का गलत इस्तेमाल करता है,
- तो उसका लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा।
पार्किंग शुल्क में पारदर्शिता
नवीन नियमावली में नागरिकों की सुविधा और आर्थिक पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए पार्किंग शुल्क को समय-आधारित बना दिया गया है। अब:
- जितनी देर गाड़ी पार्क होगी, उतना ही शुल्क लगेगा।
- 1 घंटे, 2 घंटे, 3 घंटे और उससे अधिक के लिए स्पष्ट स्लैब तय किए गए हैं।
- इससे पार्किंग माफिया द्वारा मनमानी वसूली पर लगाम लगेगी।
शहरी यातायात को मिलेगी राहत
अवैध पार्किंग का सीधा असर शहर के यातायात सिस्टम पर पड़ता है। सड़कों के किनारे अवैध रूप से खड़े वाहन न केवल जाम का कारण बनते हैं, बल्कि आपातकालीन सेवाओं (जैसे एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड) को भी प्रभावित करते हैं।
- नई नियमावली के लागू होने से:
- सड़क किनारे अवैध वाहन खड़े करने की प्रवृत्ति रुकेगी।
- लाइसेंसधारी पार्किंग ऑपरेटर अधिक जिम्मेदार बनेंगे।
- नगर निगम के पास बेहतर राजस्व स्रोत उपलब्ध होंगे।
- आम लोगों को सस्ते और सुरक्षित पार्किंग विकल्प मिलेंगे।

नगर निगमों की भूमिका
- हर नगर निगम में यह नियमावली लागू करने से पहले, नगर निगम के बोर्ड द्वारा अनुमोदन लिया जाएगा। अनुमोदन के बाद:
- संबंधित नगर निगम एक टीम गठित करेगा,
- पूरे शहर के पार्किंग स्थलों की पहचान और डिजिटल सूची तैयार की जाएगी,
- प्रत्येक स्थल पर सूचना पट्ट (Board) लगाना अनिवार्य होगा, जिसमें शुल्क, लाइसेंस धारी का नाम और संपर्क नंबर दिया जाएगा।
जनता की भागीदारी
- सरकार ने नागरिकों को भी इस प्रक्रिया में भागीदार बनाने की योजना बनाई है:
- यदि किसी को अवैध पार्किंग स्थल के बारे में जानकारी हो, तो वह नगर निगम में शिकायत दर्ज कर सकता है।
- निरीक्षण के दौरान जनता से सीधा फीडबैक लिया जाएगा।
- सही जानकारी देने वाले को इनाम देने पर भी विचार किया जा रहा है।
Original Source - Patrika Live News
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