Ed Raid Chhangur Case: बलरामपुर-मुंबई में ईडी का बड़ा एक्शन: 500 करोड़ की हवाला फंडिंग और धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश

ED Updates: लखनऊ और बलरामपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध धर्मांतरण व हवाला फंडिंग के गंभीर आरोपों में 14 ठिकानों पर छापेमारी की। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों के खिलाफ ₹500 करोड़ की विदेशी फंडिंग की जांच की जा रही है। कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया है।

Ed Raid Chhangur Case: बलरामपुर-मुंबई में ईडी का बड़ा एक्शन: 500 करोड़ की हवाला फंडिंग और धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश

ED Raid Illegal Funding: उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एक बड़ा अभियान चलाते हुए कथित अवैध धर्मांतरण, हवाला लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कुल 14 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई का केंद्र बिंदु जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसका सहयोगी शहज़ाद शेख रहा, जिनके खिलाफ ₹500 करोड़ की संदिग्ध विदेशी फंडिंग की जांच की जा रही है।

बलरामपुर और मुंबई में एक साथ छापे

बलरामपुर जिले के उतरौला, मधुपुर और रेहरा माफी गांवों में छांगुर से जुड़े कुल 12 ठिकानों पर ईडी की टीमों ने सुबह से छापेमारी शुरू की। स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की उपस्थिति में यह कार्रवाई की गई, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। वहीं, मुंबई में शहज़ाद शेख से जुड़े दो स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। दोनों शहरों में अलग-अलग टीमों ने समन्वय के साथ यह ऑपरेशन अंजाम दिया।

संदिग्ध फंडिंग और बैंक लेनदेन

ईडी सूत्रों के अनुसार, शहज़ाद शेख के बैंक खातों में हाल ही में एक करोड़ रुपये की संदिग्ध राशि प्राप्त हुई थी, जिसे कई छोटे खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। इन लेनदेन को मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला नेटवर्क से जोड़कर देखा जा रहा है। जांच एजेंसी इस बात की तह में जाने की कोशिश कर रही है कि ये फंड कहां से आए, किस प्रयोजन के लिए उपयोग किए गए और क्या इसका संबंध धर्मांतरण गतिविधियों से है।

छांगुर की भूमिका संदिग्ध

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ पहले से ही धर्मांतरण के मामलों में जांच चल रही थी। अब उसके ठिकानों पर मिली डिजिटल सामग्री, दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है। शुरुआती जानकारी में पता चला है कि छांगुर एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ था, जो गैरकानूनी गतिविधियों के ज़रिए फंडिंग हासिल करता था।

ईडी की रणनीति और उद्देश्य

प्रवर्तन निदेशालय का मुख्य उद्देश्य इस जांच में उन स्रोतों तक पहुँचना है, जहाँ से यह विदेशी धन भारत भेजा गया। एजेंसी ने अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन और विदेशी दानदाताओं के खातों की भी निगरानी शुरू कर दी है। जांच के इस स्तर पर यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह नेटवर्क केवल वित्तीय धोखाधड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव हैं।

कार्रवाई से मचा हड़कंप

बलरामपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में एकाएक हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। ईडी अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और सुरक्षाबलों की मौजूदगी से स्थानीय लोग सहमे हुए हैं। क्षेत्रीय लोगों में चर्चाएं तेज़ हो गई हैं कि छांगुर लंबे समय से विदेशी एजेंसियों के इशारे पर काम कर रहा था और स्थानीय युवाओं को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण जैसी गतिविधियों में लिप्त कर रहा था।

ईडी के पास अहम सुराग

सूत्रों के अनुसार ईडी के पास कुछ अहम डिजिटल सबूत हैं जिनसे यह संकेत मिलते हैं कि फंडिंग का बड़ा हिस्सा धर्मांतरण के प्रचार-प्रसार, बैठकें आयोजित करने, सोशल मीडिया अभियानों और लोगों को आर्थिक सहायता देने में खर्च किया गया। कई बैंक खातों, नकदी रजिस्टरों और व्हाट्सएप चैट्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

अंतरराष्ट्रीय लिंक और संभावित एजेंसियां

जांच एजेंसी उन एनजीओ और विदेशी संस्थाओं की भी छानबीन कर रही है जो इस नेटवर्क से किसी न किसी रूप में जुड़ी हो सकती हैं। अब तक जो सुराग मिले हैं, उनसे यह संभावना प्रबल हो रही है कि यह फंडिंग कुछ खाड़ी देशों, यूरोप और दक्षिण एशिया के देशों से आई है। ईडी अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में छांगुर, शहज़ाद शेख और अन्य सहयोगियों से गहन पूछताछ की जाएगी। इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है और आवश्यक हुआ तो अन्य राज्यों में भी छापेमारी की जाएगी। यह मामला राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ राजनेताओं ने इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, वहीं कुछ मानवाधिकार संगठनों ने यह सुनिश्चित करने की बात कही है कि जांच निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित हो।

Original Source - Patrika Live News

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