C-ग्रेड फिल्मों से मचाया तहलका, 70 के दशक में ‘कॉल गर्ल’ की कहानी बना सेंसेशन
Bollywood Story: 70 के दशक में वर्जित विषय पर वेश्यावृत्ति जैसे फिल्में बनाना। कम बजट में बोल्ड फिल्म बनाने का ट्रेंड। जानिए कौन है वो निर्देशक जिसने उस समय में इस तरह की फिल्में बनाने का दिखाया साहस।

Bollywood History: भारतीय फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक बी.आर. इशारा (BR Ishara) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने बॉलीवुड में अपने बोल्ड कंटेंट से खूब नाम कमाया। 7 सितंबर 1934 को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में जन्मे बी.आर. इशारा फिल्मों में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई आए।
उनके जन्मदिन पर जानते हैं कि फिल्म सेट पर चाय परोसने से लेकर सफल फिल्म निर्देशक बनने तक उनका सफर कैसा रहा
बीआर इशारा (BR Ishara) का असली नाम रोशन लाल शर्मा था। हिमाचल प्रदेश से मुंबई आए बीआर इशारा ने फिल्मों के सेट पर चाय परोसने से अपने करियर की शुरुआत की और फिर स्पॉट बॉय बन गए। समय के साथ उनकी रुचि बढ़ती गई और देखते भी देखते संवाद लेखक और फिर फिल्म निर्देशक बन गए।
उन्हें उनकी चेतना, लोग क्या कहेंगे, मिलाप, मन जाइये , घर की लाज, वो फिर आएगी और सौतेला भाई जैसी फिल्मों से पहचान मिली ।
सामाजिक मुद्दों को उठाना था उद्देश्य
बीआर इशारा (BR Ishara) ने अपनी फिल्मों के जरिए सामाजिक मुद्दों को उठाया। उन्होंने उस समय के वर्जित विषय जैसे वेश्यावृत्ति पर फिल्में बनाईं। निर्देशक बीआर इशारा ने 1970-80 के दशक में बोल्ड थीम वाली फिल्मों से तहलका मचा दिया था। वे ऐसे डायरेक्टर थे, जो कम बजट में बोल्ड फिल्म बनाने का ट्रेंड लेकर आए। उनकी पहली फिल्म चेतना थी, जिसमें एक कॉल गर्ल की कहानी थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी थी।
विवादों में रहीं फिल्में
बीआर इशारा (BR Ishara) ने रिश्तों, सामाजिक वर्जनाओं और मानवीय भावनाओं की जटिलताओं को फिल्मों में उजागर किया। उन्होंने साल 1972 में अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी के साथ फिल्म ‘एक नजर’ बनाई, जिसमें एक युवा कवि वेश्यावृत्ति को मजबूर युवती से विवाह करना चाहता है। साल 1974 में आई फिल्म प्रेम शास्त्र में रिश्तों में वर्जित संबंधों की कहानी को उभारा गया, जिसमें जीनत अमान और देव आनंद थे।
अक्सर बीआर इशारा की फिल्में साहसिक विषयों और बोल्ड थीम की वजह से विवादों में रहती थीं, लेकिन समाज का एक वर्ग उनका फैन था। उन्होंने अपनी फिल्मों में हमेशा लीक से हटकर समाज की सच्चाई दिखाई।
कई लोग उनकी फिल्मों को बी-ग्रेड, सी-ग्रेड बताते थे। इसके बावजूद उन्होंने संजीव कुमार, राजेश खन्ना, राज बब्बर, राज किरण, जया बच्चन, अरुणा ईरानी, अमिताभ बच्चन, डैनी, विजय अरोड़ा, शत्रुघ्न सिन्हा, रीना रॉय, रजा मुराद समेत कई चेहरों को अपनी फिल्मों में मौका दिया।
Original Source - Patrika Live News
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